मां बनना एक सुखद अनुभव होता है। हर महिला को अपनी संतान के जन्म लेने का बेसब्री से इंतजार रहता है। गर्भवती महिला के साथ घर के सभी लोग भी उसका ध्यान अच्छे से रखते हैं ताकि डिलीवरी में कोई बाधा ना आए, लेकिन कभी-कभी कुछ मामलों में डॉक्टर C-Section यानी कि सिजेरियन डिलीवरी करने को बोलते हैं।
आखिर ये सिजेरियन डिलीवरी क्या होता है। डॉक्टर लगभग किस परिस्थिति में सी सेक्शन करने का निर्णय लेते हैं। सिजेरियन डिलीवरी के बाद खुद का देखभाल कैसे करें। सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खा सकते हैं, क्या नहीं खा सकते हैं। सी सेक्शन के बाद क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं और भी बहुत सारी चीजों से जुड़ी बातें जानेंगे। तो आइए जानते हैं आज इस लेख में।
सी सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी क्या होता है
सी सेक्शन एक प्रकार का ऑपरेशन होता है जिसमें डॉक्टर गर्भवती महिला के पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाकर शिशु को बाहर निकालते हैं। फिर पेट और गर्भाशय में लगे चीरे को टांको के जरिए सील देते हैं जो समय के साथ ठीक होकर बॉडी में मिल जाता है। इसे ही सी सेक्शन या सिजेरियन डिलीवरी कहा जाता है।
सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत कब होती है
आमतौर पर सी सेक्शन करना है या नहीं ये कुछ मामलों पर निर्भर करते हैं। अक्सर देखा गया है कि डॉक्टर गर्भाशय के लगभग 39 हफ्ते सिजेरियन डिलीवरी करते हैं ताकि बच्चे के विकास में कोई कमी ना रह पाए। अगर नॉर्मल डिलीवरी के वक्त बच्चे और मां की जान को खतरा हो या नार्मल डिलीवरी में कुछ मुश्किलें आ जाए तो इस सिचुएशन में डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी का निर्णय ले सकते हैं।
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सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद क्या नहीं करना चाहिए
महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल कंडीशन में आने में थोड़ा वक्त लगता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को सामान्य स्थिति में आने में लगभग 16 से 18 महीने तक का समय लग सकता है। c-section से उबरने के लिए अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखें, साथ ही जब तक आप ठीक नहीं हो जाती तब तक कुछ चीजें आपको सिजेरियन डिलीवरी के बाद बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या न करें।
- सीढ़ियों से दूरी बनाए रखें – सी सेक्शन डिलीवरी के बाद सीढ़ियों से दूरी रखें। क्योंकि डिलीवरी के बाद बॉडी थोड़ी कमजोर हो जाती है जिससे आपको थकान हो सकती है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि सीढ़ियों को चढ़ने पर ब्लीडिंग की समस्या हो जाती है। तो इन समस्याओं से बचे रहने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल ना करें।
- देर तक न नहाएं – सिजेरियन डिलीवरी के बाद ज्यादा देर तक स्नान ना करें। इसे संक्रमण का खतरा हो सकता है। हो सके तो गर्म पानी में तालियों को निचोड़ कर अपनी बॉडी को पोंछ लें।
- भारी वजन का सामान ना उठाएं – ऑपरेशन के लगभग 2 से 3 महीने तक वजनदार या भारी चीजें ना उठाएं। इससे पेट पर जोर पड़ता है जिसे टांको का टूटने का डर रहता है। कभी-कभी तो टांके टूट भी जाते हैं जिससे दर्द की समस्या और बढ़ जाती हैं।
- तेल मसाले वाले भोजन न करें – डिलीवरी होने के बाद तेल मसालों को कतई हाथ न लगाएं। डिलीवरी के बाद तली हुई चीजें खाने से बचें, क्योंकि यह पौष्टिक नहीं होते हैं जिससे आपको ठीक होने में बहुत ज्यादा टाइम लग सकता है।
- संक्रमण और बीमारी से बचें – ऐसे जगहों पर या लोगों के पास ना जाए जहां कोई बीमार हो। शरीर कमजोर होने की वजह से आपको तुरंत संक्रमण हो सकता है। बुखार होने पर या बुखार जैसा महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।
- शारीरिक संबंध न बनाएं – डिलीवरी के कम से कम 1 महीने तक शारीरिक संबंध से दूरी बनाए रखें। इससे आपको गर्भाशय से जुड़ी समस्या हो सकती है। संबंध बनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह भी ले सकती हैं।
- तनाव या चिंता ना करें – वैसे तो तनाव किसी के लिए भी ठीक नहीं होता है। वैसे प्रसव से गुजरने के बाद आपको इसका खास ध्यान रखना होगा। तनाव से शरीर में गलत इफेक्ट पड़ सकता है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या करें
सिजेरियन डिलीवरी के बाद काफी सारे महिलाएं परेशान रहती हैं यह सोच कर कि उन्हें क्या करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए। डिलीवरी के बाद हमें क्या नहीं करना चाहिए ये तो हमने ऊपर के लेख में जान लिया। आइए अब जानते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या करना चाहिए।
#1 पूरी नींद लें और आराम करें
मां बनने के बाद लाइफ शिशु के जन्म के 1 साल तक बहुत बिजी हो जाती है। आपका पूरा समय शिशु की देखभाल में चला जाता है, पर इन सब के बीच अपने लिए समय निकाला न भूलें। सिजेरियन डिलीवरी में पेट पर बने घाव को ठीक करने के लिए शरीर को आराम दें और 6 से 8 घंटे का नींद जरूर पूरा करें।
#2 उठने और बैठने में सही तरीके को अपनाएं
सिजेरियन डिलीवरी के तुरंत बाद टांके कच्चे होते हैं तो ऐसे में ना तो एकदम से बैठे और ना एकदम से खड़े हो जाएं। इससे टांको का टूटने का डर बना रहता है। ऑपरेशन के 2 सप्ताह बाद हल्का चल फिर सकती हैं लेकिन इससे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। सोते समय भी हल्की करवट लेकर सोनी सोना चाहिए, इससे आपको आरामदायक लग सकता है और बाईं करवट सोना और ज्यादा फायदेमंद होता है।
#3 संतुलित भोजन ही करें
डिलीवरी के बाद बॉडी बहुत कमजोर हो जाती हैं ऐसे में आपको पौष्टिक या संतुलित भोजन करने पर ध्यान देना चाहिए। इन सभी के अलावा नवजात शिशु भी आप ही के खानपान पर पूरी तरह निर्भर रहता है इसलिए अपने और अपने शिशु की देखभाल के लिए पौष्टिक भोजन पर ध्यान दें।
#4 ज्यादा से ज्यादा पानी पिए
डिहाइड्रेशन से बचे रहना बहुत जरूरी हो जाता है। प्रसव के दौरान खून और पानी दोनों बॉडी से बाहर निकलते हैं। ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ और पानी का सेवन करें। ऐसे फल और सब्जियों का चुनाव करें जिसमें फाइबर और पानी की मात्रा ज्यादा हो।
#5 बॉडी में तेल की मालिश करें
आगे वाले एरिया को छोड़कर अपने बॉडी में तेल की मालिश करें। इससे आपको राहत मिलेगी साथ ही आप हल्का भी महसूस करेंगी। मालिश करने के लिए आप अपना कोई भी पसंदीदा ऑयल इस्तेमाल कर सकती हैं।
#6 अपने पहनावे का ध्यान रखें
यहां पहनावे का मतलब है आप जो रेगुलर कपड़े यूज कर रही हैं। आपको ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो ज्यादा फीटिंग ना हो। लूज कपड़े पहनने से टांको को भी आराम मिलेगा। साथ ही शिशु को फीडिंग कराने में भी आसानी होगी।
#7 टांको का देखभाल सही से करें
सिजेरियन डिलीवरी में चिंता इस बात की बनी रहती है कि टांके का देखभाल कैसे करें। तो हम आपकी यह मुश्किल भी दूर कर देते हैं।
- टांके वाली जगह को हमेशा साफ रखें वरना इंफेक्शन हो सकता है।
- अगर टांके वाली जगह पर सूजन आ गई है तो बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। आप चाहे तो गरम से भी सिकाई कर सकती हैं।
- बिना डॉक्टर से सलाह लिये टांके वाली जगह पर किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें। खासकर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, इसमें केमिकल की मात्रा ज्यादा पाई जाती है जो टांके वाली जगह पर खुजली पैदा कर सकती हैं।
- इन सब छोटी-छोटी बातों को केयर करके टांको का देखभाल कर सकते हैं।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए
सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाओं को देखभाल के साथ अच्छे खाने की भी जरूरत होती है। इससे आप जल्द ठीक भी हो सकती हैं। आपके सही खानपान से आपका शिशु भी स्वस्थ रहेगा तो आइए जानते सिजेरियन डिलीवरी के बाद क्या खाएं।
- ओट्स – डिलीवरी के बाद अक्सर कब्ज की समस्या होती है ऐसे में ओट्स खाना फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है।
- मेथी दाना – कमर दर्द और जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए मेथी का सेवन कर सकते हैं। इसमें विटामिन, कैल्शियम और आयरन होता है।
- हल्दी – हल्दी आंतरिक घाव को जल्द भरने का काम करता है। इसमें Anti-inflammatory के गुण होते हैं। हल्दी को आयुर्वेदिक उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- डेयरी उत्पाद – अपने खाने में हमेशा दूध, दही, पनीर का यूज करें। इसमें विटामिन डी और प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलते हैं जो आपके शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं।